Dhitang Dhitang Bole Mp3 Song lyrics Lata Mangeshkar, Salil Chowdhury Aawaz (1956)
यह गीत लता मंगेशकर द्वारा गाए गए सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है। सलिल चौधरी ने इस गीत को बहुत ही खूबसूरती से लिखा है, और लता जी ने अपनी मधुर आवाज से इसे और भी खास बना दिया है। "धीतंग धीतंग बोले" गाने के बोल और उससे जुड़ी जानकारी दी गई है:
गाने के बोल
धीतंग धीतंग बोले
मन का मयूर वन में डोले
धीतंग धीतंग बोले
मन का मयूर वन में डोले
नैनों में हैं सपने रसीले
जैसे चमन में खिले फूल नीले
नैनों में हैं सपने रसीले
जैसे चमन में खिले फूल नीले
धीतंग धीतंग बोले
मन का मयूर वन में डोले
धीतंग धीतंग बोले
मदमाती पुरवाई, जब भी सरसर डोली
तन में सिहरन जागी, मन में प्रीत की बोली
मदमाती पुरवाई, जब भी सरसर डोली
तन में सिहरन जागी, मन में प्रीत की बोली
धीतंग धीतंग बोले
मन का मयूर वन में डोले
धीतंग धीतंग बोले
आँखों में काजल, मुख पे लाली
रूप की छटा है कितनी निराली
आँखों में काजल, मुख पे लाली
रूप की छटा है कितनी निराली
धीतंग धीतंग बोले
मन का मयूर वन में डोले
धीतंग धीतंग बोले
गाने के बारे में
- फ़िल्म: आवाज़ (1956)
- संगीतकार: सलिल चौधरी
- गायिका: लता मंगेशकर
- गीतकार: सलिल चौधरी
यह गीत एक रोमांटिक गीत है जो एक युवती के मन की भावनाओं को व्यक्त करता है। गीत में युवती अपने प्रेमी के बारे में सोच रही है और उसके आने का इंतजार कर रही है। गीत के बोल बहुत ही सरल और सुंदर हैं, और वे श्रोता के मन में एक मधुर भावना पैदा करते हैं।
"धीतंग धीतंग बोले" गीत आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह गीत कई फिल्मों और टीवी शो में इस्तेमाल किया गया है, और इसे कई कलाकारों द्वारा गाया गया है।