Bhor Huyi Panchhi Nikle Mp3 Song lyrics Mohammed Rafi, Salil Chowdhury Aawaz (1956)

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Bhor Huyi Panchhi Nikle Mp3 Song lyrics Mohammed Rafi, Salil Chowdhury Aawaz (1956) 

"भोर हुई पंछी निकले" मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया एक सदाबहार गीत है। यह गीत 1956 की फ़िल्म "आवाज़" में प्रदर्शित हुआ था। सलिल चौधरी ने इस गीत को संगीत दिया था और प्रेम धवन ने इसके बोल लिखे थे। यह गीत आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। "भोर हुई पंछी निकले" गाने के बोल, जानकारी दिया गया है:

गाने की जानकारी:

  • गाना: भोर हुई पंछी निकले
  • फ़िल्म: आवाज़ (1956)
  • गायक: मोहम्मद रफ़ी
  • संगीतकार: सलिल चौधरी
  • गीतकार: प्रेम धवन

गाने के बोल:

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

देखो बच्चों आँखें खोलो, दुनिया देखो चाल-चाल

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

सूरज निकला पूरब से, लाया सोना खेतों में

सूरज निकला पूरब से, लाया सोना खेतों में

चाँदी जैसी किरणें चमकी, झरनों और पर्वतों में

चाँदी जैसी किरणें चमकी, झरनों और पर्वतों में

रंग-बिरंगी तितली उड़ी, बगियों में मखमल-मखमल

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

ठंडी-ठंडी हवा चली, महकी सारी फुलवारी

ठंडी-ठंडी हवा चली, महकी सारी फुलवारी

जागो बच्चों देखो आई, कितनी सुंदर ये क्यारी

जागो बच्चों देखो आई, कितनी सुंदर ये क्यारी

मेहनत कर लो तुम भी प्यारे, बन जाओगे तुम भी अव्वल

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

देखो बच्चों आँखें खोलो, दुनिया देखो चाल-चाल

भोर हुई पंछी निकले, घर से अपने डाल-डाल

भोर हुई पंछी निकले: मोहम्मद रफ़ी का सदाबहार परिचय:

"भोर हुई पंछी निकले" मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया एक सदाबहार गीत है। यह गीत 1956 की फ़िल्म "आवाज़" में प्रदर्शित हुआ था। सलिल चौधरी ने इस गीत को संगीत दिया था और प्रेम धवन ने इसके बोल लिखे थे। यह गीत आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है.

गाने की लोकप्रियता के कारण:

  • मोहम्मद रफ़ी की सुरीली आवाज़
  • सलिल चौधरी का मधुर संगीत
  • प्रेम धवन के प्रेरणादायक बोल
  • यह एक बहुत ही प्यारा और उत्साहजनक गीत है।
  • यह गीत हमें सुबह जल्दी उठने और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
  • इस गीत के बोल बहुत ही सरल और समझने में आसान हैं।

गाने का महत्व:

यह गीत हमें प्रकृति के महत्व को समझाता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

निष्कर्ष:

"भोर हुई पंछी निकले" एक ऐसा गीत है जो कभी पुराना नहीं होगा। यह गीत हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।





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