![]() |
| Main To Bade Baap Ki Beti Re |
"मैं तो बड़े बाप की बेटी रे": 1942 के दौर का एक अनमोल लोकगीत
भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग (Golden Era) में कई ऐसे गीत बने, जो आज भी हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं। फ़िल्म Aankh Micholi (1942) का यह सदाबहार गीत "Main To Bade Baap Ki Beti Re" उन्हीं अनमोल रत्नों में से एक है। यह गीत न केवल अपनी मधुर धुन के लिए जाना जाता है, बल्कि यह उस दौर के ग्रामीण लोक संगीत की सादगी और नज़ाकत को भी दर्शाता है।
गायक और संगीतकार की विरासत
इस गीत को उस समय की प्रसिद्ध अभिनेत्री और गायिका नलिनी जयवंत (Nalini Jaywant) ने अपनी आवाज़ दी थी, जिनकी आवाज़ में एक अनोखी चंचलता और मासूमियत थी। संगीतकार ज्ञान दत्त (Jnan Dutt) ने इस गीत के लिए पारंपरिक धुनों का प्रयोग किया, जो इसे एक ठेठ भारतीय लोकगीत का अनुभव देती है।
गीत का भाव: गर्व और समर्पण
"मैं तो बड़े बाप की बेटी रे" गीत एक नवयौवना की मनःस्थिति को दर्शाता है, जो अपने प्रियतम के साथ एक नई यात्रा (नाव में 'परदेसी' के साथ) पर निकल रही है। उसके बोलों में अपने कुल का गर्व ("बड़े बाप की बेटी") और साथ ही एक अनजानी राह पर जाने का संकोच, डर और भावनात्मक समर्पण ("मेरा कटके है नाज़ुक हिया") का सुंदर मिश्रण है। यह गीत भारतीय नायिकाओं की पारंपरिक लज्जा, उत्साह और प्रेम की सहज अभिव्यक्ति का बेहतरीन उदाहरण है।
नीचे आप इस क्लासिक गीत के हिंदी और रोमन लिपि में पूरे बोल (Lyrics) पढ़ सकते हैं।
Song Features (गीत की विशेषताएँ)
| विशेषता (Feature) | विवरण (Details) |
| गीत का नाम (Song Name) | Main To Bade Baap Ki Beti Re |
| फ़िल्म / एल्बम (Movie / Album) | Aankh Micholi (1942) |
| गायक (Singer) | Nalini Jaywant (नलिनी जयवंत) |
| संगीतकार (Music Composer) | Jnan Dutt (ज्ञान दत्त) |
| कलाकार (Lead Stars) | Nalini Jaywant, Satish, Sulochana, Anand Prasad |
| संगीत का दौर (Era) | Vintage Bollywood (1940s) |
| शैली (Genre) | Folk Song / Filmi Lokgeet |
Lyrics (गीत के बोल)
मैं तो बड़े बाप की बेटी रे (Hindi Lyrics)
मैं तो बड़े बाप की बेटी रे, बड़े बाप की बेटी
मैं तो बड़े बाप की बेटी, ले चला कहाँ परदेसी रे,
बड़े बाप की बेटी, मैं तो बड़े बाप की बेटी
ले चला कहाँ परदेसी रे, बड़े बाप की बेटी,
मैं तो बड़े बाप की बेटी
मैं हलकी फूल कली सी, मीठी मीठी दली सी
मैं हलकी फूल कली सी, मीठी मीठी दली सी
कोई न आँख बतलावे, मेरे अंग पसीना आवे
कोई न आँख बतलावे, मेरे अंग पसीना आवे
आज मैं हूँ अकेली अकेली रे, ले चला कहाँ परदेसी रे
बड़े बाप की बेटी
आज मैं हूँ अकेली अकेली रे, ले चला कहाँ परदेसी रे
बड़े बाप की बेटी, मैं तो बड़े बाप की बेटी
ले चला कहाँ परदेसी रे, बड़े बाप की बेटी
मैं तो बड़े बाप की बेटी
माझी, ओ माझी
माझी, ओ माझी
ज़रा धीरे से नैया सम्हाल, मेरा कटके है नाज़ुक हिया
ज़रा धीरे से नैया सम्हाल, मेरा कटके है नाज़ुक हिया
तेरी नैया पे न रँहूँगी, तू केहने में रही वो माँगो थी
तेरी नैया पे न रँहूँगी, तू केहने में रही वो माँगो थी
आज ये खेल न सखी ना केहनी रे,
आज ये खेल न सखी ना केहनी रे
ले चला कहाँ परदेसी रे, बड़े बाप की बेटी
मैं तो बड़े बाप की बेटी, ले चला कहाँ परदेसी रे,
बड़े बाप की बेटी, मैं तो बड़े बाप की बेटी
बड़े बाप की बेटी, बड़े बाप की बेटी
Conclusion (निष्कर्ष)
"Main To Bade Baap Ki Beti Re" सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के शुरुआती दिनों की कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। नलिनी जयवंत की जादुई आवाज़ और ज्ञान दत्त के शानदार संगीत के कारण, यह गीत आज भी पुराने हिंदी गानों के प्रेमियों के लिए एक प्रिय धरोहर बना हुआ है। इसे सुनकर आप निश्चित रूप से एक शांत, बीते युग के लोक संगीत की यात्रा पर चले जाएंगे।
Listen to the Original Song on YouTube
7. Hashtags for Social Sharing (सोशल मीडिया के लिए हैशटैग)
#BadeBaapKiBetiLyrics #NaliniJaywant #AankhMicholi1942 #OldHindiSongs #VintageBollywood #JnanDutt #BollywoodClassics #FolkSong #PuraneGane #RetroMusic #HindiLyrics #Bollywood40s

