Nain Tumhare Daras Ko Tarse Song lyrics Mohammed Rafi Aastik (1956)
नैन तुम्हारे दरस को तरसे, मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया एक प्रसिद्ध भजन है, जो 1956 की फिल्म 'आस्तिक' में प्रदर्शित हुआ था। इस गीत के बोल कवि भरत व्यास ने लिखे थे और इसका संगीत सी. रामचंद्र ने दिया था।
गीत के बोल (Lyrics):
नैन तुम्हारे दरस को तरसे,
मनवा प्रीत की रीत ना जाने,
नैन तुम्हारे दरस को तरसे।
कब से खड़ी हूँ आस लगाए,
कब आओगे तुम मेरे द्वारे,
नैन तुम्हारे दरस को तरसे।
तुम ही हो मेरे जीवन साथी,
तुम ही हो मेरे भाग्य विधाता,
नैन तुम्हारे दरस को तरसे।
तुम बिन सूना लागे ये जीवन,
तुम बिन अधूरी मेरी कहानी,
नैन तुम्हारे दरस को तरसे।
कब से पुकारूँ तुम्हें ओ प्यारे,
आ जाओ अब तो मेरे सहारे,
नैन तुम्हारे दरस को तरसे।
गीत का महत्व:
यह गीत भगवान के प्रति एक भक्त की गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। यह गीत भगवान के दर्शन के लिए एक भक्त की उत्कंठा और तड़प को व्यक्त करता है।
गीत का संगीत:
इस गीत का संगीत सी. रामचंद्र ने दिया था। यह गीत एक मधुर और भावपूर्ण धुन पर आधारित है। मोहम्मद रफ़ी ने इस गीत को अपनी सुरीली आवाज़ में गाया है।
फिल्म 'आस्तिक' के बारे में:
'आस्तिक' 1956 में रिलीज़ हुई एक हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म का निर्देशन शांताराम आठवले ने किया था। इस फिल्म में नलिनी जयवंत, अभि भट्टाचार्य और लीला मिश्रा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं।